Mahindra इस समय साउथ अफ्रीका में सबसे तेजी से बढ़ने वाली कंपनी बन चुकी है। उनका Mahindra Scorpio पिकअप वहां की Top 3 सबसे ज्यादा बिकने वाली पिकअप ट्रकों में आ गया है। और दोस्तों यह बात Mahindra के लिए कोई छोटी उपलब्धि नहीं है।
क्योंकि वहां इसका मुकाबला दुनिया की सबसे बड़ी और पॉपुलर कंपनियों से हो रहा है जैसे Ford, Toyota, iSUZU और Nisan लेकिन फिर भी Mahindra Scorpio पिकअप इन सभी दिग्गज कंपनियों को टक्कर देता हुआ नजर आ रहा है।
और सबसे मजे की बात यह है कि अफ्रीकी लोग भी Mahindra की गाड़ियों को दिल से पसंद करने लगे हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर Mahindra ने ऐसा क्या जादू कर दिया कि वहां की सड़कों पर हर तरफ Mahindra की गाड़ियां नजर आने लगी और कैसे Scorpio पिकअप बन गई साउथ अफ्रीका की तीसरी सबसे ज्यादा बिकने वाली पिकअप ट्रक।
Mahindra Scorpio केसे बना अफ्रीका का पसंदीदा Car?
इस आर्टिकल में हम इसी कहानी को विस्तार से जानने वाले हैं। तो Mahindra की शुरुआत साउथ अफ्रीका में हुई 1954 में जब उन्होंने वहां अपने ट्रैक्टर बेचना शुरू किए क्योंकि साउथ अफ्रीका भी भारत की तरह एक खेती किसानी वाला देश है, जहां उस समय ट्रैक्टर्स की काफी ज्यादा डिमांड थी।
Mahindra के ट्रैक्टर सस्ते भी थे और भरोसेमंद भी जिसके चलते अफ्रीकन किसानों ने उन्हें हाथों हाथ अपना लिया, और वहीं से Mahindra ने साउथ अफ्रीका में धीरे-धीरे एक अच्छी पकड़ बना ली। लेकिन असली गेम शुरू होता है 2004 से जब Mahindra ने वहां अपना पहला पैसेंजर व्हीकल लॉन्च किया जो था Mahindra Bolero पिकअप।
दरअसल अफ्रीकन कस्टमर्स को पिकअप ट्रकों का शुरू से ही बहुत शौक है। इसलिए वहां आपको ज्यादातर SUV या सेडान नहीं पिकअप्स ही नजर आएंगी। अफ्रीकी लोग इन पिकअप्स को अपनी भाषा में बाकी कहते हैं जिसका मतलब होता है एक छोटा ट्रक।
Mahindra Scorpio ही क्यों पसंद है?

लेकिन भाई जब वहां इतनी बेहतरीन SUV मौजूद हैं तो लोग पिकअप ही क्यों पसंद करते हैं? तो इसके पीछे कई कारण हैं। अफ्रीका का जो इलाका है वह काफी रगड़ और ऑफ रोड वाला है। वहां सड़कों से ज्यादा जंगल और कच्चे रास्ते हैं।
ऐसे रास्तों पर SUV के मुकाबले पिकअप ट्रक्स ज्यादा दमदार परफॉर्मेंस देती हैं। पिकअप ट्रकों में ऑफोडिंग के लिए ज्यादा ऑप्शंस और फीचर्स मिलते हैं। जिससे यह अल्ट्रा टफ इलाकों में भी बिना रुके चलती हैं। साथ ही अफ्रीकी लोग पिकअप को SUV से ज्यादा प्रैक्टिकल मानते हैं।
क्योंकि इनमें आपको एक तो स्पेसियस केबिन मिलता है और पीछे एक मजबूत लोडिंग एरिया जिसे लोग फैमिली ट्रिप के साथ-साथ बिजनेस वर्क में भी यूज कर सकते हैं।
आप एक पिकअप को हजारों तरीकों से मॉडिफाई कर सकते हो जो कि आम SUV’s में पॉसिबल नहीं होता और SUV के मुकाबले पिकअप वहां सस्ती भी पड़ती है। इसलिए अफ्रीकी ग्राहक पिकअप्स ज्यादा खरीदते हैं।
Mahindra का पहेला गाडी नही चला अफ्रीका में
लेकिन जब Mahindra ने अपना पहला Bolero पिकअप वहां लॉन्च किया तो लोगों ने उसे ज्यादा पसंद नहीं किया क्योंकि उन्हें यह गाड़ी थोड़ी सी साधारण सी लगी जिसमें फीचर्स और लुक दोनों की कमी महसूस हुई और यहीं से Mahindra को यह समझ में आ गया कि उन्हें कुछ अलग करना पड़ेगा।
फिर आता है साल 2005 जब Mahindra ने Scorpio पिकअप लॉन्च कर दिया और भाई साहब Scorpio पिकअप लॉन्च होते ही अब फ्रीकी ग्राहकों को जमकर पसंद आने लगा। जिस वजह से इसकी बेहतर सेल्स शुरू हो गई। अब Scorpio पिकअप के पसंद किए जाने के कुछ ठोस कारण थे।
यह गाड़ी अन्य इंटरनेशनल ब्रांड्स के मुकाबले किफायती थी। इसका लुक रग्ड और प्रीमियम था। इसकी अग्रेसिव प्राइसिंग, स्ट्रेटजी ने लोकल बायरर्स की जेब और जरूरत दोनों का ध्यान रखा और सबसे बड़ी बात इसकी ऑफ रोड कैपेसिटी किसी भी राइवल कार से कम नहीं थी।
Scorpio पिकअप ने अफ्रीकन इलाकों में दमदार परफॉर्मेंस देकर सबका दिल जीत लिया। Scorpio ने वहां सिर्फ एक गाड़ी की तरह नहीं बल्कि ब्रांड एंबेसडर की तरह काम किया। उसने Mahindra की छवि को एक रिलायबल और हार्ड वर्किंग ब्रांड के तौर पर स्थापित कर दिया। धीरे-धीरे डिमांड बढ़ती गई।
Demand भी पूरा नही कर पाया था Mahindra
लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया जब Mahindra के पास उतनी गाड़ियां ही नहीं थी जितनी ऑर्डर आ रहे थे। डिमांड सप्लाई गैप को मैनेज करना उनके लिए बड़ी चुनौती बन गया। इसीलिए फिर 2018 में Mahindra ने एक और समझदारी भरा कदम उठाया लोकल प्रोडक्शन प्लांट सेटअप करके।
Mahindra ने साउथ अफ्रीका के डरबन शहर में अपना असेंबली प्लांट स्थापित किया और यह कदम वाकई में एक जीनियस मूव था। इससे दो बड़े फायदे हुए। इंपोर्ट ड्यूटीज कम हो गई यानी कस्टमर को प्रोडक्ट और भी सस्ते दाम में मिलने लगा।
स्थानीय लोगों को रोजगार मिला जिससे साउथ अफ्रीका के लोगों में Mahindra के प्रति भरोसा बना और जब कोई कंपनी किसी देश की लोकल इकॉनमी में योगदान देती है तो उसकी इज्जत वहां के लोगों की नजरों में और भी बढ़ जाती है।
आज साउथ अफ्रीका में Mahindra के पास 72 से ज्यादा डीलरशिप और सर्विस सेंटर्स हैं। इसका मतलब है चाहे आप शहर में हो या किसी रूरल एरिया में Mahindra की सर्विस हमेशा आपके आसपास है। और यही एक ऐसी चीज है जो कस्टमर को गाड़ी खरीदते वक्त सबसे ज्यादा मैटर करती है।
आपकी गाड़ी कितनी भी अच्छी हो लेकिन अगर सर्विस सेंटर दूर है तो कस्टमर दो बार सोचेगा। Mahindra ने Maruti Suzuki की तरह अफ्रीका में भी सर्विस नेटवर्क पर भारी फोकस किया और यह स्ट्रेटजी बिल्कुल सटीक बैठी जिसके कारण आज Mahindra साउथ अफ्रीका में एक फेमस और फेथफुल ब्रांड बन चुका है।
आज Mahindra साउथ अफ्रीका में सिर्फ एक गाड़ी बेचने वाली कंपनी नहीं बल्कि एक पसंदीदा ब्रांड बन चुकी है। वो भी एक विदेशी जमीन पर और यह सिर्फ शुरुआत है। Mahindra अब वहां इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, Nexon SUV’s और लाइफस्टाइल ऑफ रोडर्स भी उतारने की तैयारी कर रही है।
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