KTM Bankrupt होने के कगार पर है, हलाकि KTM ने पिछले साल 2024 में लगभग 64,000 बाइक्स बेचीं। जिसे देखकर हर किसी को लगा कि KTM तो काफी अच्छा परफॉर्म कर रहा है। लेकिन असल में जिस KTM के शोरूम आज भी भीड़ से भरे रहते हैं वो बैंकरप्ट होने के कगार पर है।
आज कंपनी भारी कर्ज प्रोडक्शन में कमी और घटती कस्टमर सर्विस क्वालिटी जैसी बड़ी परेशानियों से जूझ रही है और इन सबके कारण बजाज ने रिसेंटली KTM को एक्वायर करने का फैसला किया है। Bajaj करीब 7,765 करोड़ इन्वेस्ट करके KTM को पूरी तरह से एक्वायर कर रहा है।
फिलहाल अभी Bajaj के पास KTM में उन 50.9% शेयर थे जो अब इस डील के बाद 100% हो जाएंगे। इस कदम का मकसद है KTM को उसके फाइनेंशियल क्राइसिस से बाहर निकालना और वापस से एक सक्सेसफुल बाइक ब्रांड बनाना। लेकिन असली सवाल यह है कि Bajaj के आने से क्या KTM की हालत बदलेगी? क्योंकि Bajaj के पास पहले से ही 50% शेयर के साथ KTM पर पूरा कंट्रोल है।
लेकिन फिर भी KTM बैंककरप्ट होने के कगार पर आ गई और Bajaj को एक बैंककरप्ट ब्रांड को खरीदने से क्या फायदा होगा? और साथ में यह भी कि KTM की इतनी बुरी हालत आखिर हुई कैसे? अरे भाई इन छपरी लोगों की वजह से हां वह तो है लेकिन इसके अलावा इसमें खुद KTM की भी कुछ गलतियां हैं जिन्हें हम आगे आर्टिकल में डिस्कस करेंगे।
KTM की शुरुवात केसे हुई?
KTM एक 90 साल पुरानी ऑस्ट्रियन कंपनी है। जिसकी शुरुआत 1934 में हंसक और अर्नेस्ट पोल ने एक छोटे से गैराज से की थी। इस गैराज का नाम था क्राफ्टग ड्रंकन पोल्स मैडगोफेन जिसे आज हम KTM के नाम से जानते हैं।
शुरुआत में यह लोग गाड़ियां और मोटरसाइकिल्स रिपेयर करते थे और इनका बिजनेस काफी अच्छा चल रहा था। लेकिन जैसे ही वर्ल्ड वॉर 2 आया सब कुछ बदल गया। कंपनी को भारी नुकसान होने लगा।
इसीलिए फिर उन्होंने सोचा क्यों ना अब बाइक बनाई जाए और कंपनी धीरे-धीरे बाइक मैन्युफैक्चरिंग की दुनिया में उतरी 1953 में लॉन्च हुई KTM की पहली बाइक जिसका नाम R10 था और इस बाइक को काफी शानदार रिस्पांस मिला। फिर 1957 में आई KTM की पहली स्पोर्ट्स बाइक डी ट्रॉफी यह एक 125 सीc की बाइक थी।
इसके बाद उन्होंने स्कूटर सेगमेंट में भी हाथ आजमाया लेकिन वह कुछ खास नहीं चला। 1970 तक KTM यूरोप में एक जाना माना नाम बन गया था। पर अभी असली उड़ान बाकी थी। KTM का असली टर्निंग पॉइंट आया 1994 में जब इन्होंने Duke 609 को लॉन्च किया। इसमें इन्होंने 69 सीc का एक सिंगल सिलेंडर इंजन दिया था।
जिसके कारण इस पावरफुल मशीन ने एडवेंचर लवर्स को दीवाना बना दिया। लेकिन 1990 के दशक में जैसे ही मार्केट में बदलाव आया, बिक्री में गिरावट आई और कंपनी को प्रोडक्शन तक रोकना पड़ा। हालात इतने खराब हुए कि KTM को अपने कर्जदाताओं के हवाले करना पड़ा।
KTM ने अपना नया पहेचान बनाया?
फिर आया स्टीफन पीियर का दौर। इन्होंने KTM को एक नई पहचान दी। रेसिंग से लेकर कॉ ऑफ रोड सेगमेंट तक कई शानदार बाइक्स ल्च की। इन्हीं के अंडर में duke और आरसी जैसी शानदार बाइक्स आई। इनका ग्रोथ इतना जबरदस्त था कि कंपनी ने ना सिर्फ यूरोप बल्कि नॉर्थ अमेरिका और एशिया में भी पैर पसार लिए और कंपनी फिर से चलने लगी। इसके बाद KTM की इंडिया में एंट्री हुई।
2007 में Bajaj ने KTM में हिस्सेदारी ली। यह पार्टनरशिप KTM और Bajaj दोनों के लिए एक विनविन सिचुएशन थी क्योंकि Bajaj को ग्लोबल मार्केट का एक्सेस मिला और KTM को साउथ एशिया में अपनी मोटरसाइकिल्स बेचने का एक मजबूत नेटवर्क मिला। KTM अभी तक 100 cc से ऊपर की बाइक बनाता था जो बहुत महंगी होती थी।
लेकिन 2012 में पहली बार KTM ने 200 सीc की बाइक इंडिया में लॉन्च की जो पूरी तरह इंडिया में बनी थी और इस बाइक का नाम था Duke 200। शुरुआत में इसे उतना अच्छा रिस्पांस नहीं मिला। लेकिन जैसे ही 2014 में RC 200 और RC 390 आई मार्केट में धमाका हो गया।
इसके यूनिक फीचर्स, अफोर्डेबल प्राइस और दमदार लुक्स ने बाइक लवर्स को दीवाना बना दिया। और यहीं से KTM की सेल्स ने इंडिया में रियल उछाल मारी। इन्हीं के साथ Bajaj ने KTM बाइक्स को भारत में मैन्युफैक्चर करना शुरू किया। डिज़ाइन, डेवलपमेंट और प्रोडक्शन सब इंडिया में।
इससे बाइक का दाम 30% तक कम हो गया। लेकिन इसके बाद KTM के बुरे दिन शुरू हो गए। KTM बाइक्स की सेल्स लगातार गिर रही थी और ऐसा लग रहा था जैसे KTM को इंडिया से बोरिया बिस्तर समेटना पड़ेगा। कम डिमांड के कारण कंपनी के पास लगभग 2.5 लाख बाइक्स का अनसोल्ड स्टॉक पड़ा था और यही KTM की सबसे बड़ी समस्या बनी।
KTM को इस वक्त सप्लायर्स की पेमेंट, एम्प्लाइजज़ की सैलरी और फैक्ट्री का खर्चा सबको संभालने में प्रॉब्लम्स होने लगी। KTM का लिक्विडिटी क्राइसिस इतना बढ़ गया कि उन्हें 440 मिलियन की इमरजेंसी कैश की जरूरत पड़ गई। जिसकी वजह से उनका कुल कर्ज बढ़कर $3 बिलियन तक पहुंच गया।
क्यों होने वाला है KTM Bankrupt?

लेकिन दोस्तों, KTM बाइक्स की इतने बढ़िया और अफोर्डेबल होने के बावजूद भी इनकी डिमांड कम कैसे हो गई? आखिर दिक्कत कहां हुई? तो देखिए, कोविड के बाद ग्लोबल बाइक मार्केट में गिरावट आई है। लोग अब पहले की तरह बाइक्स नहीं खरीद रहे।
वो धीरे-धीरे कारों पर शिफ्ट हो रहे हैं और साथ में KTM ने इनोवेशन भी बंद कर दिए थे। इनके लाइनअप में ना कोई नया मॉडल आया और ना ही कोई नया इंजन कैटेगरी। कस्टमर्स को इनकी कुछ बाइक्स में रिलायबिलिटी इशूज़ भी आए।
जैसे 790 और 890 सीरीज में कैमशाफ या हेड गैस्केट की प्रॉब्लम्स और सबसे बड़ा इशू डिमांड कम होने के बाद भी उन्होंने प्रोडक्शन नहीं घटाया। जिसका नतीजा यह हुआ कि इनकी फैक्ट्री में बाइक्स ही बाइक्स भरी पड़ी है जो बिक नहीं रही।
इसके अलावा एक सबसे बड़ा रीजन KTM की बाइक्स पर छपरी का टैग। KTM बाइक्स के छपरी टैग के कारण KTM राइडर्स को इंडिया में छपरी माना जाने लगा है। ऐसे लोग जो ट्रैफिक रूल्स नहीं मानते रोड पर स्टंट मारते हैं, बिना हेलमेट और गलत ड्राइविंग करते हैं।
इन लोगों की वजह से बाकी जेनुइन बाइक राइडर्स को भी ट्रोल किया जाने लगा और इसी वजह से अब बहुत से असली राइडर्स KTM की बाइक्स को लेना नहीं चाहते क्योंकि उनको डर है कि कहीं लोग उन्हें छपरी ना कह दे और इन्हीं सबकी वजह से धीरे-धीरे KTM की पकड़ इंडियन मार्केट में ढीली होने लगी और KTM आज इस हाल में है।
लेकिन दोस्तों अब इसी कहानी में एक नया मोड़ आया है। Bajaj KTM को पूरी तरह एक्वायर कर रहा है जो KTM को दोबारा खड़ा करने की आखिरी कोशिश होगी। Bajaj Auto ने अपनी नीदरलैंड्स बेस्ड सब्सिडरी के जरिए KTM पर पूरा कंट्रोल लेने का फैसला किया है। जिसमें Bajaj का पहले से ही उन 50.9% स्टेक था।
Bajaj KTM में करीब 7800 करोड़ का निवेश करेगा जो KTM को दिवालिया होने से बचाने और अपनी मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेशंस को दोबारा शुरू करने के लिए जरूरी था। इस डील से अब Bajaj को KTM के साथ-साथ HKRNA और GS गैस जैसे इंटरनेशनल ब्रांड्स पर भी फैसले लेने का अधिकार और नियंत्रण मिलेगा क्योंकि यह सभी ब्रांड्स KTM के अंडर ही आते हैं।
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क्या Bajaj बचा सकेगा KTM को?
लेकिन क्या Bajaj के अंडर में आने से KTM फिर से रफ्तार पकड़ पाएगा और बजाज को ऐसा करने के लिए क्या करना पड़ेगा? तो देखिए बजाज का जो भारत में इतना बड़ा डीलर और सर्विस नेटवर्क है वो KTM को रिबिल्ड करने में मदद करेगा। इसके अलावा अगर KTM कॉस्ट कटिंग करके लो कॉस्ट वेरिएंट्स और इलेक्ट्रिक बाइक्स पर काम करे और मैनेजमेंट में भी सुधार लाए तो KTM फिर से बाजार में वापसी कर सकती है।
साथ में KTM की हाई मेंटेनेंस कॉस्ट और घटती सर्विस क्वालिटी को भी मैनेज करना होगा। KTM को अपनी बाइक्स की क्वालिटी इंप्रूव करके उन ग्राहकों का भरोसा फिर से जीतना होगा जो अब शिकायतें करने लगे हैं। इनके अलावा कंपटीशन से भी लड़ना पड़ेगा क्योंकि आज Yamaha, TVS और Royal Enfield जैसे ब्रांड्स हर सेगमेंट में तगड़ी टक्कर दे रहे हैं।
KTM को इनसे बेस्ट बाइक बनाकर कस्टमर्स की बढ़ती उम्मीदों पर खरा उतरना होगा। तभी KTM का कमबैक हो सकता है। लेकिन यह सब आसान नहीं होगा। आपका क्या कहना है दोस्तों? क्या KTM वापस कमबैक करेगा? कमेंट करके जरूर बताना। और अगर आर्टिकल इनफेटिव लगी हो या पसंद आई हो इसे अपने दोस्तों को शेयर जरुर करना।
क्या सच में KTM Bankrupt होने वाला है?
आजके समय में KTM जेसे बड़े Bike कंपनी डूबने के कगार पर है, इसके पीछे बहुत सारे कारण है. हलाकि अब KTM को बचाने केलिए Bajaj सामने आया है, सभी अपडेट आपको इस आर्टिकल को पढ़ें के बाद मिलेगा.